टॉप फॉरेन लैंग्वेज कोर्सेज़ जिनमें वेतन है लाखों में
21वीं सदी की शुरुआत ने वैश्विक युग की शुरुआत की अब पूरी दुनिया एक इकाई बन गई है. वैश्वीकरण के कारण दुनिया एक ऐसे परस्पर संबद्ध छोटे से गांव में तब्दील हो गया है जहां व्यापार, लोग, संस्कृति और यहां तक की भाषाओं ने भी भौगोलिक बाधाओं को पार कर लिया है . भाषाओं के बारे में बात करें तो वैश्वीकरण से पहले सिर्फ एक भाषा का ज्ञान या अंग्रेजी भाषा के ज्ञान को भीड़ से अलग होने के लिए पर्याप्त माना जाता था . आज कल, जब अंग्रेजी ने वैश्विक भाषा का दर्जा प्राप्त कर लिया है, वैश्विक बाजार में सफल करिअर बनाने की इच्छा रखने वाले छात्रों को विदेशी भाषा सीखना भी जरूरी हो गया है . विदेशी भाषा के लिए बढ़ता बाजार इस प्रवृत्ति का गवाह है . लेकिन गौरतलब है कि एमबीए और इंजीनियरिंग जैसे पेशेवर कोर्सेज की तुलना में छात्र विदेशी भाषा को करिअर विकल्प के तौर पर नहीं देखते हैं .
विदेशी भाषा के कोर्स क्यों?
किसी भी विदेशी भाषा के कोर्स में दाखिला लेने से पहले किसी भी छात्र के मन में पहला सवाल यही उठेगा कि कोई दूसरी भाषा क्यों ? जवाब बहुत सरल है, 'मांग और आपूर्ति (डिमांड एंड स्पलाई)' . हम जिस वैश्वीकरण की बात करते हैं उसका अर्थ है कई विदेशी कंपनियों ने भारत में अपना बेस बनाया है . हालांकि इन बहुराष्ट्रीय कंपनियों का ज्यादातर काम अंग्रेजी भाषा में ही होता है लेकिन इनके कुछ काम ऐसे होते हैं जिन्हें स्थानीय विदेशी भाषाओं में करने की जरूरत होती है . इसलिए इन कंपनियों में ऐसे भाषा पेशेवरों (लैंग्वेज प्रोफेशनल्स) की जरूरत होती है जो इन काम को कर सकें . इस तरह नौकरी के अवसर मिलते हैं . इसी प्रवृत्ति के कारण कई करिअर काउंसलर विदेशी भाषा सीखने की सलाह देते हैं या स्कूल/ कॉलेज के दिनों में विदेशी भाषा के कोर्स करना आपके रिज्यूमे को सबसे अलग बना देता है.
क्या मुश्किलें आएँगी?
कोई भाषा सीखना आसान नहीं होता। करीना कहती है, “मुझे लगता था कि कोई भाषा सीखने के लिए आपको बस उस भाषा के शब्द सीखने होंगे। लेकिन फिर मुझे पता चला कि आपको उस भाषा को बोलनेवालों की संस्कृति और उनके सोचने का तरीका भी सीखना पड़ता है। दूसरी भाषा सीखने में सच में बहुत वक्त लगता है।”
भाषा सीखने के लिए नम्र होना भी ज़रूरी है। जेम्स नाम के एक नौजवान ने स्पैनिश सीखी। वह कहता है, “अपनी गलतियों को हँसी में टालना सीखें, क्योंकि आपसे बहुत-सी गलतियाँ होंगी। मगर तभी तो आप कोई भाषा सीख पाएँगे।”
विदेशी भाषा कोर्स : सैलरी और पैकेज
यह बात तो बिलकुल स्पष्ट हो गयी है कि विदेशी भाषा कोर्स करने के बाद करियर के अच्छे विकल्प उपलब्ध हैं. आईए देखते हैं कि विदेशी भाषा किस प्रकार करिअर के लिए आकर्षक विकल्प होसकता है ? स्पैनिश, फ्रेंच और जर्मन जैसी विदेशी भाषा में औपचारिक प्रशिक्षण रोजगार के बेहतरीन अवसर प्रदान करता है.कई छात्र विश्वविद्यालयों द्वारा कराए जाने वाले फुल–टाइम ग्रेजुएशन और पोस्ट– ग्रेजुएशन कोर्स का विकल्प चुनते हैं तो कुछ मैक्स मूलर भवन, इंस्टीट्युटो हिस्पैनिया, गोथे इंस्टीट्यूट और अलाएंस फ्रैंकासी जैसे निजी संस्थानों द्वारा कराए जाने वाले शॉर्ट– टर्म सर्टिफिकेट या डिप्लोमा प्रोग्राम करना पसंद करते हैं.
भाषा और व्याकरण की जांच के लिए करीब 1000 रुपये प्रति घंटा का भुगतान किया जाता है.विदेशी भाषा के शिक्षक और दुभाषिए करीब 10 से 15 लाख रुपए सालाना का पैकज प्राप्त कर सकते हैं. प्रतिष्ठित संस्थानों/ विश्वविद्यालयों से विदेशी भाषा का प्रशिक्षण पूरा करने वाले उम्मीदवारों को अलग– अलग देशों के दूतावासों द्वारा हायर किया जाता है. फुल– टाइम नौकरी के लिए इन्हें ज्यादातर विदेशी मुद्रा में वेतन दिया जाता है जो लगभग 20000 डॉलर से 30000 डॉलर के बीच होता है .
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